अन्ता ।अन्ता के निकटवर्ती ग्राम नागदा का पूरे हाड़ौती क्षेत्र में अलग ही धार्मिक महत्व है। यहां लगभग 11 सौ वर्ष पुराना शिवमंदिर स्थापित है जिसे नागेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां मिले अवशेषों के अनुसार इस मंदिर का पुन: निर्माण 350 वर्ष पूर्व राज परिवार द्वारा करवाया गया। यहां के पवित्र कुंड में लगे गौमुख से पूरे वर्ष एक जैसी धार से जल बहता है। यह पानी आ कहां से रहा है इसकी प्रमाणिकता अब तक पूर्णत: सिद्ध नहीं हो पाई।
ऐसे में इस पवित्र कुंड पर स्नान करने कई श्रद्धालु पहुंचते हैं। हालांकि शिव मंदिर के नीचे बहती कालीसिंध नदी के किनारे यों तो सात कुंड है, लेकिन इनमें से चार मिट्टी से दबे हैं वहीं तीन पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। शिव मंदिर पर श्रद्धालुओं के सहयोग से पूरे साल देशी घी से अखंड ज्योति भी प्रज्जवलित है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लगने वाले तीन दिवसीय मेले के दौरान नागदा के मुख्य कुंड में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती हैं।
होते हैं बड़े आयोजन
नागदा को कुछ सालों पूर्व गत भाजपा सरकार के समय पर्यटक स्थल घोषित किया गया। तब यहां के लिए स्वीकृत 18 लाख की राशि से मंदिर परिसर में लाल पत्थर का फर्श किए जाने सहित परिसर के बाहर सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ। वहीं सांसद रघुवीरसिंह कौशल ने यहां नलकूप सहित पानी की टंकी का निर्माण करवाया। बाद में कांग्रेस सरकार के राज में पूर्व सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया के प्रयास से अन्ता नागदा रायपुरिया सड़क मार्ग के दोहरीकरण का काम हुआ।
नई सड़क बनने के बाद अन्ता से नागदा आने जाने के लिए रास्ता अति सुगम हो गया है। अन्ता से पंाच किलोमीटर दूर बसे इस धार्मिक स्थल पर साल के बारहों महीने दूरदराज क्षेत्र तक के लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
कई विद्यालयों के बालक भी यहां टूर लेकर आते हैं। अब तो यहां कई लोग बच्चों का जन्मदिन मनाने सहित शादी ब्याह के आयोजन भी करने लगे हैं। ऐसे में इस पर्यटक स्थल पर अब भी कई सुविधाओं की दरकार है। नागेश्वर महादेव विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा के अनुसार मंदिर समिति की और से भी यहां रसोई के बर्तन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाने सहित साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस धार्मिक स्थल पर अब भी यात्री प्रतिक्षालय, सत्संग भवन, महिलाओं के लिए शौचालय सहित पवित्र कुंडों को एक दूसरे से जोडऩे वाली सम्पर्क सड़क के निर्माण की आवश्यकता है। सुविधाएं बढऩे से यह नागेश्वर महादेव मंदिर स्थल पर्यटकों के लिए और भी आकर्षण का केन्द्र रहेगा।
ऐसे में इस पवित्र कुंड पर स्नान करने कई श्रद्धालु पहुंचते हैं। हालांकि शिव मंदिर के नीचे बहती कालीसिंध नदी के किनारे यों तो सात कुंड है, लेकिन इनमें से चार मिट्टी से दबे हैं वहीं तीन पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। शिव मंदिर पर श्रद्धालुओं के सहयोग से पूरे साल देशी घी से अखंड ज्योति भी प्रज्जवलित है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लगने वाले तीन दिवसीय मेले के दौरान नागदा के मुख्य कुंड में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती हैं।
होते हैं बड़े आयोजन
नागदा को कुछ सालों पूर्व गत भाजपा सरकार के समय पर्यटक स्थल घोषित किया गया। तब यहां के लिए स्वीकृत 18 लाख की राशि से मंदिर परिसर में लाल पत्थर का फर्श किए जाने सहित परिसर के बाहर सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ। वहीं सांसद रघुवीरसिंह कौशल ने यहां नलकूप सहित पानी की टंकी का निर्माण करवाया। बाद में कांग्रेस सरकार के राज में पूर्व सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया के प्रयास से अन्ता नागदा रायपुरिया सड़क मार्ग के दोहरीकरण का काम हुआ।
नई सड़क बनने के बाद अन्ता से नागदा आने जाने के लिए रास्ता अति सुगम हो गया है। अन्ता से पंाच किलोमीटर दूर बसे इस धार्मिक स्थल पर साल के बारहों महीने दूरदराज क्षेत्र तक के लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
कई विद्यालयों के बालक भी यहां टूर लेकर आते हैं। अब तो यहां कई लोग बच्चों का जन्मदिन मनाने सहित शादी ब्याह के आयोजन भी करने लगे हैं। ऐसे में इस पर्यटक स्थल पर अब भी कई सुविधाओं की दरकार है। नागेश्वर महादेव विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा के अनुसार मंदिर समिति की और से भी यहां रसोई के बर्तन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाने सहित साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस धार्मिक स्थल पर अब भी यात्री प्रतिक्षालय, सत्संग भवन, महिलाओं के लिए शौचालय सहित पवित्र कुंडों को एक दूसरे से जोडऩे वाली सम्पर्क सड़क के निर्माण की आवश्यकता है। सुविधाएं बढऩे से यह नागेश्वर महादेव मंदिर स्थल पर्यटकों के लिए और भी आकर्षण का केन्द्र रहेगा।
हर हर महादेव
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